
CorelDraw एक वेक्टर ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर है जिसे कोरल कॉर्पोरेशन द्वारा विकसित और किया गया है। यह कोरल ड्रा ग्राफिक्स सूट के नाम से भी जाना जाता है । यह सॉफ्टवेयर विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम्स में कार्य करता है । इसका प्रयोग ग्राफ़िक्स डिजाइनिंग जैसे लोगो डिजाइनिंग, फ्लेक्स / विनायल , पैकेजिंग, एनवेलप, पम्पलेट, मेनू कार्ड, मैगज़ीन, इंवाइटेशन कार्ड, बिल/रिसीप्ट बुक,न्यूज़ पेपर, पोस्टर, बैनर, बुक्स के कवर, बिज़नेस कार्ड और भी बहुत सी डिजाइनिंग के लिए किया जाता है ।
CorelDraw के इस भाग में हम work space के बारे में यह जानेंगे की वर्कस्पेस के किस भाग को क्या कहते हैं जैसे – Tool Box/Bar, Title Bar, Menu Bar, Standard Bar, Drawing Window, Property Bar, Docker, Ruller, Document Bar, Drawing Page , Status Bar, Navigator, Colour Plate आदि ।
1- Tool Bar / Tool Box
कोरलड्रा के विंडो का सबसे पहला भाग टूल बॉक्स / टूल बार ही होता है ( जैसे की इस चित्र में है ) इसके द्वारा हम अपने ड्राइंग बनाने की शुरुआत करते है, और सबसे पहले इसकी जानकारी होनी बहुत जरूरी होती है, जिस तरह से किसी भी मशीन को बनाने के लिए बहुत सरे उपकरण की जरूरत होती है, लेकिंग उन उपकरणों को आपस में जोड़ने के लिए भी कुछ उपकरणों की जरूरत होती है जिन्हे टूल्स कहा जाता है, ठीक उसी प्रकार कोरलड्रॉ में टूल बार होता है। इस टूल बॉक्स / टूल बार के अंदर उसी से मिलते जुलते कई तरह के टूल्स भी होते है। सभी टूल्स के बारे में पूरी जानकारी के लिए आप इस वेबसाइट में Coreldraw Beginner वाले पेज पर जाकर (Corel Draw Tutorials Part-4 Tool Box l Toll box ka prayog kaise kare) वाले पेज पर देखे जहाँ पर वीडियो के माध्यम से सभी टूल्स के बारे में आपको पूरी की पूरी जानकारी मिलेगी, या फिर इस लिंक पर क्लिक करके भी आप उस पेज पर जा सकते हैं।
2 – Title Bar
Title Bar कोरलड्रा के विंडो का दूसरा भाग होता है , यह कोरलड्रा विंडो के सबसे ऊपर बायें तरफ होता यहाँ पर हम जिस फाइल में काम कर रहे होते है उसका नाम दिखाई देता है। यदि हमने अपनी फाइल को सुरक्षित (Save) नहीं किया है तो वहाँ पर अनटाइटल्ड (Untitled) प्रदर्शित करेगा और यदि फाइल
सुरक्षित (Save) की गई है तो फाइल की लोकेशन के साथ-साथ फाइल का नाम दिखाई देगा उदहारण के लिए नीचे वाले चित्र (image) में आप देख सकते है।
3 – Menu Bar (मेनू बार) –
ये बार कोरलड्रॉ का एक बहुत ही Important भाग है , इसके अंदर विभिन्न प्रकार के कमांड्स category के अनुसार संग्रहीत होते है। जिन्हे हम अपनी जरूरत के अनुसार प्रयोग में लाते हैं। (मेनू बार का चित्र )
4 -Standard Bar (स्टैण्डर्ड बार )
इस बार में कुछ ऐसे कमांड्स का Shortcut (शॉर्टकट) संग्रह होता है जो की common (सभी प्रकार के डिज़ाइन बनाने में उपयोगी )होते है। इनकी जरूरत हमे हमेशा पड़ती है चाहे किसीभी तरह का डिज़ाइन बना रहे हों। इस बार में निम्न प्रकारके कमांड्स का शॉर्टकट संग्रह होता है, जैसे –
New (नई फाइल बनाने के लिए )
Open (पहले से बानी हुई किसी फाइल को खोलने के लिए )
Save ( किसी ड्राइंग/ फाइल को सेव करने के लिए )
Print ( किसी ड्राइंग/फाइल का प्रिंटआउट लेने के लिए )
Copy (सेलेक्ट किये ऑब्जेक्ट को क्लिपबोर्ड पर कॉपी करने के लिए )
Cut (सेलेक्ट किये गए ऑब्जेक्ट को क्लिपबोर्ड पर मूव करनेके लिए )
Paste (क्लिपबोर्ड पर कॉपी या कट किये गए ऑब्जेक्ट को दूसरी जगह लाने के लिए )
undo (अगले स्टेप से पिछले स्टेप पर जाने के लिए)
Redo (पिछले स्टेप से अगले स्टेप पर जाने के लिए)
Import (किसी भी कॉरेल्ड्रा सपोर्टेड फ़ाइल को कॉरेल्ड्रा के पेज में लाने के लिए)
Export (ड्राइंग पेज ने बने हुए डिज़ाइन को किसी दूसरे फॉर्मेट जैसे- jpg, pdf आदि के रूप में सेव करने के लिए
Zoom (ड्राइंग पेज की view साइज को कम या अधिक करने) के लिए किया जाता है।
(स्टैण्डर्ड बार का चित्र )
5 – Drawing Window – (ड्राइंग विंडो )
यह कोरलड्रा विंडो के Work space का वह भाग होता है जो की हमारे Drawing Page के चारों तरफ का Blank (खाली ) होता है इस विंडो का प्रयोग हम व्यापक रूप से कर सकते हैं। यह Space एक रफ़ पेज की तरह होता है, यहाँ पर हम अपनी जरूरत के अनुसार कोई भी डिज़ाइन बना सकते हैं। जैसे की हमारे Drawing Page में दूसरा डिज़ाइन बनाने के लिए जगह नहीं है, तो इस हिस्से में हम ड्राइंग बना सकते हैं और फिर अपनी जरूरत के अनुसार Drawing Page में व्यस्थित कर सकते है।
(Drawing Window का चित्र )
नोट :Drawing Window में बनाया गया कोई भी डिज़ाइन तब तक प्रिंट नहीं होगा जबतक उसे Drawing Page में नहीं लाया जाता।
6 – Property Bar – (प्रॉपर्टी बार )
यह बार Standard Bar के ठीक नीचे की तरफ होता है , यह हमारे द्वारा सेलेक्ट किये गए डिज़ाइन या ऑब्जेक्ट की स्तिथि प्रदर्शित करता है. यहाँ से हम अपने डिज़ाइन में निम्न प्रकार के परिवर्तन कर सकते है जैसे -डिज़ाइन का साइज़ बदलना, डिज़ाइन को घुमाना (Rotate), ग्रुप करना और बहुत से Option यहाँ पर डिज़ाइन के प्रकार के अनुसार प्रदर्शित होते है जिन्हे हम अपनी जरूरत के अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं .
(Property Bar का चित्र )
7 – Docker ( डॉकर )
यह एक छोटा सा विंडो होता है, कुछ ऐसे कमांड्स होते है जिनका इस्तेमाल करने के लिए उनमे कई तरह की सेटिंग्स करनी पड़ती है, जैसे ही हम इस प्रकार के कमांड्स के उपर क्लिक करते है तो हमारे ड्राइंग विंडो के दाहिने साइड में एक विंडो खुलता है जिसे डॉकर कहते हैं इसका प्रयोग करने के बाद हम इसे क्लोज भी कर सकते है।
उदाहरण के लिए जैसे हमने एक रेक्टेंगल पर क्लिक करके उसको सेलेक्ट किया उसके बाद इफ़ेक्ट मेनू में जाकर कंटूर कमांड पर क्लिक किया ऐसे करते ही हमारे सामने डॉकर विंडो ओपन हो जायेगा यहाँ पर निचे दिए गए चित्रानुसार सेटिंग्स होंगी जहाँ से हम अपनी जरूरत के अनुसार परिवर्तन कर सकते है।
8 – Rullerr Bar ( रूलर बार )
यदि हम कोई भी डिजाईन बना रहे हों तो हमे सबसे पहले उसका माप लेने की जरूरत पड़ती है . माप की सुविधा के लिए कोरलड्रा के विंडो में रूलर बार का आप्शन होता है, यह हमारी ड्राइंग विंडो की उपरी तरफ और बायीं तरफ होता है, यह एक स्केल की तरह काम करता है। इसके द्वारा हम अपने डिजाईन या ऑब्जेक्ट की साइज़ को बहुत ही आसानी से माप सकते हैं। (Ruller Bar का चित्र )
9 – Document Bar ( डॉक्यूमेंट बार )
डॉक्यूमेंट बार ड्राइंग विंडो के बायीं तरफ से निचे की ओर होता है इसकी सहायता से हम अपने पेज में कोई नया पेज जोड़ सकते हैं, किसी पेज को मिटा सकते है, किसे पेज को रीनेम कर सकते है, किसी पेज को डुप्लीकेट कॉपी बना सकते हैं, पेज की स्तिथि को बदल सकते हैं और एक पेज से दूसरे पेज पर आसानी से जा सकती है .( Document Bar का चित्र )
10 – Drawing Page ( ड्राइंग पेज)
यह ड्राइंग विंडो के सबसे बीच मे होता है। इसे ड्राइंग पेज कहते है। हम जो भी डिज़ाइन बनाते हैं और उस डिज़ाइन का हमे आउटपुट (प्रिंट लेना या किसी दूसरे फॉर्मेट में जैसे- JPG / PSD में सेव करना) लेना है तो सबसे जरूरी होता है हमारा डिज़ाइन, हमारे कंटेंट ड्राइंग पेज के अंदर होंने चाहिए, यदि ये डिज़ाइन / कंटेंट पेज के बाहर होंगे तो हम इनका आउटपुट नहीं ले सकेंगे। तो हमें इस बात का बहुत ध्यान रखना होगा कि हम जो भी डिज़ाइन बनाये वो ड्राइंग पेज के अन्दर हो।( Drawing Page का चित्र )

11 – Status Bar ( स्टेटस बार)
स्टेटस बार विंडो के सबसे नीचे की ओर होता है। यहाँ पर सेलेक्ट किये गए ऑब्जेक्ट की डिटेल्स जैसे-ऑब्जेक्ट के अंदर इस्तेमाल किया गया रंग / पैटर्न / टेक्सचर, आउटलाइन, कलर फॉरमेट (RGB / CMYK) आदि प्रदर्शित होता है।( Status Bar का चित्र )

12 – Navigator ( नेविगेटर)
नेविगेटर ड्राइंग विंडो के दाहिने साइड में स्टेटस बार के कार्नर पर होता है। इसके द्वारा हम अपने ड्राइंग पेज को ज़ूमिंग और पेनिंग कर सकते है। यदि हमारा डिज़ाइन पूरे पेज पर है और हम उस डिज़ाइन की जांच बारीकी से करना चाहते है तो नेविगेटर के द्वारा अच्छी तरह से देख सकते हैं। पूरी प्रक्रिया लाइव देखने के लिए पेज के अंत मे दिये गए वीडियो को देखें।( Navigator का चित्र )

13 – Color Palette ( कलर पैलेट )
कलर पैलेट ड्राइंग विंडो का मुख्य भाग होता है। इसका इस्तेमाल किये बिना हम किसी भी डिज़ाइन को प्रभावी नहीं बना सकते। यह सभी प्रकार के रंगों का एक समूह होता है । जहाँ से हम अपनी जरूरत के अनुसार रंगो का चयन कर सकते हैं और अपने ड्राइंग में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे एक्टिव करने के लिए window मेनू में जाकर color palette पर click करके कलर पैलेट चुन सकते है।( Color palette का चित्र )

Part 2 – कोरल ड्रा में पेज सेटअप कैसे करें